Thursday, May 29, 2025

मेरा जिस्म चूस कर चोदने वाला कुता देवर /devar bhabhi chudai

 मेरा जिस्म चूस कर चोदने वाला कुता देवर

मेरा जिस्म चूस कर चोदने वाला कुता देवर /devar bhabhi chudai


देवर भाभी Sexxx कहानी में अपने देवर का लंड देख कर मैं उससे चुदना छाती थी. मैंने उसे चुदाई के लिए तैयार भी कर लिया. मैं कार पार्किंग में कार में उससे खूब चुदी.


 मैं कोमल आपको अपने देवर की साथ चुदाई की कहानी लिख रही हूं।

 कि मेरा मुँह बोला देवर दीपू मुझे कार में नंगी करने की कोशिश कर रहा था.

उसी दौरान कुछ ऐसा हुआ कि मैंने उसे डांट दिया.


अब आगे देवर भाभी Sexxx कहानी:


ओ डरते हुए बोला भाभी आप गिर जाती इस लिए पकड़ा

मैंने कहा- ऊं हूँ … अब कुछ बहाना नहीं चलेगा … अब तो रूल ब्रेक हो गया!


दीपू खामोश हो गया.

में उसका चेहरा तो नहीं देख पाई लेकिन उसकी बेबसी

समझ गई।


मेरी 38 साइज की आधी नंगी गांड उसके सामने करके मैं चुदासी कुतिया बनी हुई थी और वह कुछ नहीं कर रहा था.


मैंने बोला- तुम्हें सजा मिलेगी!

दीपू तपाक से बोला- क्या सजा भाभी!

मैं बोली- अपने सारे कपड़े उतार दो, तो गेम कंटिन्यू कर सकते हैं.


दीपू शायद कुछ सोचने लगा.

फिर मुझे मेरी चुत के पास उसका लंड का दबाव महसूस हुआ.


दीपू पूरा नंगा हो गया और ऊपर कुत्ते की जैसे चढ़ गया. उसने अपने हाथ आगे बढ़ाए और वह मेरे ब्लाउज को खींचने लगा.


पर ब्लाउज फटना उतना आसान नहीं था मैंने हाथ फ्री करके उसको ब्लाउज निकालने दिया.

ब्लाउज निकल गया.


अब दीपू ने मेरा समीज को देख रहा था। ओर मुझे डर लगने लगा कि उसने आज समीज को खींच कर पूरा दर्द देगा।


मैं यह सोच रही थी कि तभी कुत्ते ने मेरी कमर को चूम कर हुक के पास वाला हिस्सा दांत से पकड़ लिया.


जैसे ही उसने ब्रा की इलास्टिक को ऊपर की तरफ खींचा, मैंने अपने आगे वाले हिस्से को ऊपर उठा दिया तो उसका सिर गाड़ी की छत में लगा और उसके मुँह से इलास्टिक निकल गई.और

उसने अपना लन्ड को मेरी पेंटी में डाल दिया और मेरा मुंह से वाह की आवाज आई



मुझे तो चोट या दर्द नहीं हुआ, पर दीपू गुस्से से बोला- भाभी, आप नीचे ही रहो न!

में sorry बोल कर फिर झुक गई।


दीपू ने मेरे कमर को चूसा और समीज को पकड़ कर पेल दिया और मेरा समीज टूट गया और मेरे को चोट लाग गई


मुझे बहुत दर्द हुआ और मेरे शरीर के हिलने से फिर से मेरे चूतड़ वाला हिस्सा उसके लंड और जांघों पर रगड़ गया.


मेरे 36 साइज के मोटे चूचे लटक गए और ब्रा मेरी उंगलियों के पास बैक सीट पर गिर गई.

मैं डॉगी स्टाइल वाली कुतिया बन चुकी थी.


दीपू ने कमर से हाथ हटाया और पेंटी को खींचने लगा और चूतड़ होठ को रगड़ने लगा



उफ़ … ये दर्द और सनसनी का अहसास पाकर मैं तो समझो दीवानी बन गई अपने देवर की!


दीपू बोला- भाभी, अब सीट पर बैठ जाओ अपनी टांगें उठाओ, मुझे पैंटी को पूरा उतारना है.

मैं आज पहली बार अपने देवर के ऑर्डर को मानने वाली थी.


मैंने बैठ कर अपनी टांगें हवा में उठा कर उसके कंधों पर रखीं, तो उसने मुँह से पैंटी पकड़ कर खींच दी.

पैंटी मेरी पायल में फंस गई तो वह जोर जोर से खींचने लगा और पैंटी का मुँह वाला हिस्सा फट कर दीपू के मुँह में फंस गया.


दीपू ने फिर से पकड़ कर खींचा पर पैंटी नहीं निकली.

मुझे उस पर दया आ गई.


मैंने खुद ही पैर मोड़ कर पैंटी निकाल कर दीपू के ऊपर फेंक दी.

दीपू ने मेरी चूत वाले हिस्से को होंठों से किस किया.


मेरा पानी निकलने से वह हिस्सा थोड़ा गीला हो गया था.

दीपू पैंटी का चूत वाला हिस्सा चूस चूस कर मुझे बोल रहा था कि वह अब मेरी चूत को चूस चूस कर मजा देने वाला है.


दीपू बोला- भाभी लेट जाओ हम दोनों 69 करेंगे.


दीपू की जांघ मेरे मुँह के ऊपर थी.

उसका लंड पूरा डंडे की तरह कड़क था. उसका 6 या 7 इंच लम्बा लंड था और उसने मेरे को मुंह में लेने के लिए बोलने लगा 


तभी मेरी नंगी चूत में दीपू ने होंठों से हमला कर दिया.

मेरी आह निकल जाती, अगर दीपू नीचे करके लंड मेरे मुँह में नहीं घुसेड़ देता.


मेरा मुँह भी जैसे उसको अन्दर लेने के लिए इंतज़ार कर रहा था.


वह चुत चाट चाट और मेरी चूत को रगड़ कर मेरी मस्ती को बढ़ा रहा था और मैं उसके लंड को गले तक भर कर अपनी आवाज कम कर रही थी.


ओर दीपू ने मेरी बुर को कट लिया और में बोली वाह 



वह साला पागल बार बार मेरी चूत के होंठों को काट रहा था.


दीपू मेरी चूत को फिर से होंठों में दबा कर चूसने लगा.


वह इतनी देर तक मेरी गर्मी संभालता रहा में भी उसक land को लेती रही, उसके लंड की फुहार मेरे गले में फूट कर गिर गई.


मैं अब उसके लंड को क्रीम रोल की तरह खाने लगी और वह मेरी चूत में अपने होंठ और नाक की नोक रगड़ता हुआ रख कर लेट गया.


मैंने भी अपने देवर के लंड को चूस चूस कर फिर से कड़क कर दिया.

उसके लंड में फिर से जोश आ गया था. उसने मेरे ऊपर से उठ कर मुझे किस करना शुरू कर दिया.


मेरे चूचों, गर्दन, कमर पर अपने होंठों और दांतों से काट काट कर चूम रहा था.



मेरा प्यारा देवर भी चूची के निप्पल को दांतों से खींच कर मेरी आह निकाल कर मजा ले रहा था.

उसका अगला हमला मेरी जांघ पर हुआ.


दांत से हल्के हल्के से काटने की उसकी कला सच में अद्भुत थी.


वह हल्के से काट कर फिर होंठों से चूम चूम कर मुझे मजा दे रहा था.

अब वह पूरे पैरों को चूम कर मेरी कमर पर किस करने लगा.


.

मैं ‘सीई सीई आह देवर जी …’ करके तड़प उठी.


उसने मेरी टांगों को उठा कर अपने कंधों पर रखा और मेरी चूत को फिर से अपने मुँह में भर कर चूसने लगा.

मेरी आह आह वाली सिसकारियां तेज हो गईं.


और मैं उसके सिर को अपनी टांगों की जकड़न व हाथ की दाब से चूत में ऐसे दबा रही थी, जैसे देवर को पूरा अन्दर घुसा लूंगी.


वह शिकारी कुत्ता मेरी चूत को चूस चूस कर मेरा बुरा हाल कर रहा था.



चूत तो पूरी गीली हो गई थी और पहले से फटी हुई थी तो देवर का लंड फिसलता हुआ अन्दर तक घुसता चला गया.

उसके मोटे लवड़े से मेरी आह निकलने का दौर फिर से शुरू हो गया.


देवर जी ने मुझे जोर जोर से चोदने लगा। जैसे कि में उसकी बीबी हु।


मैं कह रही थी- आह आह जोर से देवर जी … आह मेरी चूत में … खुजली हो रही है … आह तुम्हारा लंड तो बहुत मस्त है देवर जी … आह्ह मेरी पुंगी बजा दो!


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